मुंशी प्रेमचंद का निधन 8 अक्टूबर 1936 को वाराणसी में 56 वर्ष की आयु में हुआ था.
उनका मूल नाम मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था.
उन्होंने अंग्रेजी, दर्शन, फारसी और इतिहास से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की.
15 साल की उम्र में उनका पहला विवाह हुआ जो असफल रहा. बाद में उन्होंने बाल-विधवा शिवरानी देवी से शादी की.
उनकी रचना सोजे-वतन की सभी प्रतियां अंग्रेज़ हुकूमत ने नष्ट कर दीं.
उन्होंने 15 उपन्यास, 300 से ज्यादा कहानियां लिखीं. कई नाटक लिखे तथा अनुवाद भी किये.
प्रेमचंद की सभी पुस्तकों के अंग्रेज़ी, उर्दू अनुवाद किये गए हैं तथा चीनी, रूसी आदि अनेक विदेशी भाषाओं में भी उनकी कहानियां लोकप्रिय हैं.
रचनाएं : सेवासदन, निर्मला, गोदान, गबन आदि प्रमुख रचनाएं हैं.
जन्म : प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गांव में हुआ था.
-समय पत्रिका.
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