मन्ना डे : जिंदगी कैसी है पहेली

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मन्ना डे : जिंदगी कैसी है पहेली..

मन्ना डे का निधन 24 अक्टूबर 2013 को 94 वर्ष की उम्र में बंगलुरु में हुआ था.

उनका असली नाम प्रबोध चन्द्र डे था.

1942 में बनी फ़िल्म 'तमन्ना' से अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की थी.

4000 से अधिक गीतों को उन्होंने अपनी आवाज़ से सजाया.

कॉलेज के दिनों में वे कुश्ती, मुक्केबाजी और फुटबॉल का शौक रखते थे.

उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कृति ‘मधुशाला’ को भी आवाज़ दी.

हिन्दी के अलावा मन्ना डे ने बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, कन्नड और असमिया भाषा में भी गीत गाए.

उन्हें 1971 में पद्मश्री, 2005 में पद्म विभूषण और 2007 में दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाज़ा गया.

यादगार गीत :
  • प्यार हुआ इक़रार हुआ है (श्री 420)
  • जिंदगी कैसी है पहेली (आनंद)
  • लागा चुनरी में दाग (दिल ही तो है)
  • तुझे सूरज कहूं या चंदा (एक फूल दो माली)
  • यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी (जंजीर)
  • ऐ मेरी जोहरा जबीं (वक्त)
  • एक चतुर नार करके श्रृंगार (पड़ोसन)
  • कसमें वादे प्यार वफा (उपकार)
  • ऐ मेरे प्यारे वतन (काबुलीवाला)
  • तू प्यार का सागर है (सीमा)

मोहम्मद रफी ने कहा था : "आप लोग मेरे गीत को सुनते हैं लेकिन अगर मुझसे पूछा जाये तो मैं कहूंगा कि मैं मन्ना डे के गीतों को ही सुनता हूं।"

जन्म : मन्ना डे का जन्म 1 मई 1919 को कोलकाता में हुआ था.

-समय पत्रिका.  

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