![]() |
लोकार्पण युनूस खान, रमाशंकर द्विवेदी एवं अशोक महेश्वरी द्वारा किया गया. |
प्रतिष्ठित कथाकार महेश कटारे द्वारा भर्तृहरि के जीवन पर लिखा गया दिलचस्प उपन्यास ‘भर्तृहरि काया के वन में’ का लोकार्पण संपादक और कथाकार अखिलेश एवं अशोक महेश्वरी द्वारा किया गया। लेखक महेश कटारे ने किताब के बारे बताते हुए कहा कि यह उपन्यास पाठकों को कथा के आनंद के साथ–साथ इतिहास के ज्ञान का संतोष भी देगा।
लेखक से मिलिए सत्र में संपादक और कथाकार अखिलेश से प्रभात रंजन ने उनके उपन्यास निर्वासन, वह जो यथार्थ था एवं अँधेरा पर बातचीत के साथ ही पुस्तकों से अंशपाठ भी किया गया। अखिलेश ने कहा कि निर्वासन में मेरे सुल्तानपुर के दौर का अनुभव पढ़ने को मिलता है। इस उपन्यास को लिखते वक्त मेरे दिमाग में यही था कि बदलते हुए देश और समाज को केंद्र में रखा जाय, लिखा जाय। वहीं ‘वह जो यथार्थ था’ उपन्यास अपने यथार्थ में बचपन की जीने-रचने की एक अद्वितीय कहानी है।
9 जनवरी के कार्यक्रम:
समय : 2.15 बजे
लेखक एवं ब्लॉगर प्रभात रंजन की किताब ‘पालतू बोहेमियन’ से अंश पाठ यूनुस खान और हिमांशु वाजपेयी द्वारा.
समय : 4 बजे
लेखिका अरूंधति राय के उपन्यास- द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस के हिंदी और उर्दू अनुवाद का लोकार्पण.