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'कुली लाइन्स' विश्व के सबसे बड़े पलायन और आप्रवास के विषय में गहराई से बताती है जिसे भुला दिया गया. |
प्रवीण झा की पुस्तक 'कुली लाइन्स' इस साल की सर्वाधिक पढ़ी गयी किताबों में शामिल है। लेखक ने गहन शोध के द्वारा इस दस्तावेज़ को तैयार किया है। इसके लिए उन्हें लंबी-लंबी यात्रायें करनी पड़ी जिसमें बहुत समय लगा। उन्होंने जम़ीनी पड़ताल की है ताकि इतिहास की अनकही दास्तानों को सामने लाया जाए।

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'कुली लाइन्स' विश्व के सबसे बड़े पलायन और आप्रवास के विषय में गहराई से बताती है जिसे भुला दिया गया। गिरमिटया इतिहास को एक तरह से प्रवीण झा ने समेटने की कोशिश की है जिनके बारे में इतना कहीं पढ़ने को नहीं मिलेगा। यह किताब हमें सूरीनाम, मॉरीशस, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा आदि देशों में बसे उन लाखों भारतीयों की कहानी कहती है जिन्होंने भारत से पलायन किया।
प्रवीण झा ने एक सामाजिक व्यंग्य-संग्रह ‘चमनलाल की डायरी', और दो यात्रा संस्मरण-आइसलैण्ड और नीदरलैण्ड पर भी लिखे हैं।
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